देखना तो है इनका फितूर इसमे नैनो का क्या कसूर उसने बनाया ही है तुम्हे नूर इसमे नैनो का क्या है कसूर अब ये भी हो गए है इतने मजबूर इसमे नैनो का बिल्कुल नही है कसूर आइये हवेली पे कभी हज़ूर इसमे नैनो का क्या है कसूर ---- निशांत कुमार