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Showing posts from October, 2018

ख़ास-ए -एहसास

था वो मेरे लिए खास जब भी होता था वो पास कुछ तो अलग था उनका मिज़्ज़ाज़ जो दिलाता था अलग सा एहसास कुछ ऐसा था उनका अंदाज़ दिल को छू जाता था हर एक अल्फ़ाज़ जैसे रेगिस्तान में होता है मिराज सब आखों का धोखा था, ये महसूस हुआ आज ----निशांत कुमार